ट्रेडिंग पर एक चरचा
आज बाजार, वणिकों के लिए बाजार का अर्थ होता है प्रतिभूति बाजार (शेयर मार्केट), बन्द है तो सोचा क्यों न आज कुछ चरचा कर लूं. पर चर्चा शुरु करने से पहले ही मैं बता देना चाहता हूं, सावधान कर देना चाहता हूं कि मैं न तो सलाहकार हूं, न विश्लेषक. मैं एक साधारण वणिक हूं जो भयंकर नुकसान उठा कर भी बाजार में बना हुआ हूं. और मैं मानता हूं कि मैंने चार्टों का अध्ययन पूरी तन्मयता से किया है. अब मैं उसमें प्रवीण हो पाया हूं या नहीं यह नहीं बता सकता. क्योंकि प्रवीण हो गया रहता तो आज बड़े लाभ की स्थिति में रहता. इसे बस ऐसे समझ लीजिए कि मैं एक बढ़िया कोच हो सकता हूं पर खिलाड़ी बहुत घटिया हूं. मैं अच्छी तरह जानता हूं कि कहां टिकना मेरे आर्थिक स्वास्थ्य के लिए बुरा हूं पर तब भी टिका रह जाता हूं.यह चार्ट, इंडिकेटर, या स्ट्रेटेजी की विफलता नहीं है. यह मेरी व्यक्तिगत विफलता है. तब सवाल उठता है कि मैं यह दुस्साहस कैसे कर लेता हूं कि बाजार के बारे में चरचा कर लूं!
वास्तविकता यही है कि हजारों नहीं लाखों वणिक ऐसे हैं जो निवेश सलाहकार की सेवा नहीं ले सकते. अच्छे विश्लेषक तक पहुँचना उनके लिये सहज नहीं है. वे तो बस मित्रों से, टीवी चैनलों से, समाचार पत्रों से, यूट्यूब चैनलों से, टेलीग्राम चैनलों से, व्यावसायिक सलाह विक्रेताओं से जो सुनते हैं उसी आधार पर शेयर खरीदते बेचते रहते हैं. उनकी विवशता महाभारत के अभिमन्यु जैसी है. जो चक्रव्यूह में प्रवेश करना तो जानता है पर उससे निकलने के तरीके से अनभिज्ञ है. वह जो भी सफलता अर्जित करता है अपने पराक्रम के बल पर या अनायास बनने वाले संयोगों के बल पर. पर चक्रव्यूह के महारथी उसे अन्ततोगत्वा मार ही डालते हैं.
मैंने चार्टों का अध्ययन करते समय देखा है कि अलग अलग समयावधि के चार्ट अलग अलग संकेत देते हैं. इस स्थिति में किस संकेत का पालन किया जाय मैं आज बस इसी विषय पर केन्द्रित रहना चाहता हूं इस लेख में.
सबसे पहले तो आपको यह स्पष्ट निर्धारित कर लेना होगा कि आप निवेशक हैं या वणिक हैं. अगर निवेशक हैं तो चार्ट देखना छोड़ दीजिये, बाजार में प्रतिदिन होने वाले उतार चढ़ाव को अनदेखा कर दीजिए. क्योंकि आप कहीं और से अपनी आय प्राप्त कर रहे हैं और उस आय का एक हिस्सा आप शेयर बाजार में लगा रहे होते हैं. आप अपनी आय के मूल स्रोत पर ध्यान केन्द्रित रखिए.
मगर यदि आप वणिक हैं, जो आपमें से अधिकतर लोग हैं, तो आपको अब यह तय करना है कि आप किस तरह के वणिक, ट्रेडर, हैं. वाणिकी कई तरह की होती है. कुछ लोग स्काल्पिंग करते हैं, कुछ डे ट्रेडिंग, कुछ स्विंग ट्रेडिंग, कुछ पोजीशनल ट्रेडिंग करते हैं. दुख की बात यह होती है कि आप विशुद्ध वाणिकी में टिकते नहीं है. आपकी स्थिति उस सन्यासी की तरह होती है जिसके बारे में कहा गया है कि -
नारी मुई घर संपति नासी
माथ मुड़ाय भए सन्यासी !
आप करते तो हैं वाणिकी पर जब आप बड़े नुकसान की स्थिति में आ जाते हैं तब आप निवेशक बन जाते हैं. गलती की पहली शुरुआत यहीं से होती है. कुछ लोग इसके बाद एवरेजिंग की कुचेष्टा करते हैं. यानी गिर रहे शेयर को नीचे के मूल्य पर खरीद कर अपने शेयर का औसत मूल्य सुधारने की कोशिश करते हैं. एवरेजिंग गलत नहीं होता, आप उसका इस्तेमाल गलत तरीके से करते हैं. आप गिरते शेयर में एवरेजिंग करते हैं जबकि आपको एवरेजिंग तब करना चाहिये जब उस शेयर में सुधार के लक्षण दिखने लगें, जब वह अपने पिछले उच्च स्तर के ऊपर निकले. कुछ जानकार कहते हैँ कि अपनी पूरी पूंजी या जो भी पूंजी आप किसी शेयर में लगाना चाहते हैं तो आपको कभी भी पूरी पूंजी एक साथ नहीं लगाना चाहिए.उसे दो या तीन टुकड़ों में लगाइए जब वह आपकी सोच की दिशा में चलायमान हो.
हम कुछ आगे बढ़ आए. जब आप यह तय कर लेते हैं कि आप किस तरह के वणिक बनना चाहते हैं तो आपके सारे निर्णय उसी तरह के होने चाहिए. स्काल्पिंग में पूंजी अधिक लगाई जाती है पर बहुत ही छोटी अवधि के लिए. स्काल्पिंग की तुलना उस चेन स्नैचर से की जा सकती है जो भरे बाजार में मौका देख किसी का चेन, किसी का पर्स उड़ा लेता है और पलक झपकते पलायन कर जाता है. उसे मालूम होता है कि अगर पकड़ा गया तो बाजार की भीड़ उसे जिन्दा रहने नहीं देगी. इन्ट्राडे ट्रेडर थोड़े आराम से रह सकता है पर उसे भी इस खेल कि कबड्डी की तरह खेलना चाहिए, एकदिना क्रिकेट की तरह. अगर वह इसे टेस्ट मैच की तरह खेलेगा तो हानि की संभावना बढ़ जाती है.
अब आइए स्विंग ट्रेडिंग और पोजीशनल ट्रेडिंग की तरफ. स्विंग ट्रेडर झूला तो झुलता है पर कोशिश करता है कि वहां उतर जाय जब झूला ऊँचाई छू ले. पर आप जानते हैं कि यह आसान नहीं होता. डर होता है कि कहीं गिर न पड़ूं, चोट न लग जाए. वाणिकी में भी कुछ कुछ ऐसा ही होता है. आपको लगता है कि कहीं यही निकल गया और बाजार और ऊपर चलता गया तो मेरा तो नुकसान हो जाएगा. होना यह चाहिए कि जब आप कोई सौदा करने जाँय तो सबसे पहले यह तय कर लें कि कितना नुकसान उठा सकता हूं. अपनी नुकसान की सीमा में रहते हुए ही आपको खरीददारी करनी होती है. अब आपके सामने दो रास्ते होते हैं. एक कहता है कि तय कर लीजिए कि कितना मुनाफा होने पर मैँ इस सौदे के निपटा दूंगा. दूसरा कहता है कि जैसे जैसे बाजार उठता जाए वैसे वैसे आप अपने नुकसान की सीमा को बदलते जांय. पर जब एक बार आपका सौदा लाभ की स्थिति में आ जाता है तब उसके बाद आपको कभी भी नुकसान की स्थिति मेंं टिकना नहीं चाहिए. तुरत निकल जाइए उस सौदे से.
और ऐसे वणिकों को अपनी टिकने की अवधि के अनुरुप कैंडल चार्ट की समयावधि तय करनी चाहिए. स्काल्पर को एक मिनट से तीन मिनट तक के चार्ट को देखना चाहिए. डे ट्रेडर पांच मिनट से पन्द्रह मिनट की समयावधि का चार्ट देखा करे. स्विंग और पोजिशनल ट्रेडर अपनी टिकने की ताकत के हिसाब से 75 मिनट, 125 मिनट, या एक दिन का चार्ट देखे. जैसे जैसे यह अवधि बड़ी होती जाएगी वैसे वैसे आपको कम पूंजी लगानी चाहिए और जैसे जैसे यह अवधि छोटी होती जाएगी वैसे वैसे आपको सौदे में अधिक पूंजी लगाने की जरुरत पड़ेगी.
इसको इस तरह से समझिए कि एक मिनट वाला चार्ट का विचरण छोटे दायरे में होता है और एक दिन वाला चार्ट बड़े दायरे में विचरण करता है. इसलिए जब भी आप किसी की सलाह मांगिए या मानिए तो उसे स्पष्ट बता दीजिए कि आपकी निवेश अवधि कितने की है, या आप कितना प्रतिशत लाभ कमाना चाहते हैं एक सौदे में. कितने से ज्यादा उपयोगी प्रतिशत में होता है.
मान लीजिए कि आप किसी बैँक में दीर्घावधि जमा खाता (फिक्स्ड डिपाजिट) खोलते हैं तो आपको कितना प्रतिशत वार्षिक ब्याज मिलता है. वणिक को अपने लाभ की सीमा इसी ब्याज दर के अनुसार करनी चाहिए. शेयर मार्केट का सौदा जोखिम भरा होता है और लाभ की अपेक्षा हानि की संभावना अधिक होती है. इसलिए अगर आपको वह वार्षिक ब्याज एक सप्ताह में मिल जाय तो क्या बुरा है. आपकी पूंजी आपको सुरक्षित मिल जाती है. और चूंकि बाजार में हजारों प्रतिभूतियां हैँ तो आप फिर किसी दूसरी प्रतिभूति में प्रवेश कर सकते हैं, या आप एक ही प्रतिभूति में ऊपर बेच कर नीचे खरीदते रह सकते हैं. बस ध्यान में रहे कि जब खरीदें तब उससे नुकसान को अपनी पूर्व निर्धारित सीमा में रखें.
आशा है कि आजकी चरचा आपको पसन्द आई होगी. अगर आपके पास कोई प्रश्न हों तो आप उसे मेरे इस वेबसाइट पर दिए गए कमेंट बाक्स में डाल दीजिए. कोशिश करूंगा कि उसका उत्तर जल्द से जल्द दे सकूं.
मैंने पहले भी यह बता रखा है कि मैं किसी शेयर विशेष का नाम लेकर सलाह नहीं देता पर आपके प्रश्न के अनुरुप आवश्यक हुआ तो अपने विचार जरुर बता दूंगा. उस विचार पर चलने से पहले सुविचार जरूर कर लीजिए.
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