पाकिस्तान की हालत शेयर बाजार के ट्रेडरों जैसी
पाकिस्तानी मुस्लिम आतंकियों ने हाल ही में पहलगाम में जिस घृणित वारदात को अंजाम दिया है उसका परिणाम तो उसे भुगतना ही पड़ेगा. चुन चुन कर हिन्दुओं को मारने के फेर में उसने कश्मीर के मुसलमानों के पेट पर लात मार दी है. पर्यटकों के भरोसे उनकी रोजी रोटी चलती है और पाकिस्तान ने उसी रोजगार का कबाड़ा कर दिया. अब पाकिस्तानी इस चिन्ता मे मरे जा रहे हैं कि हिन्दुस्तान का हमला कहां होगा ? जमीनी युद्ध या आसमानी हमला या समन्दर की तरफ से ?
उनकी चिन्ता से मैं दुबला नहीं हो रहा. मैं तो आज एक खबर पढ़ सुन कर सोचने लग गया कि क्या पाकिस्तान की हालत ठीक वैसी ही नहीं हो गयी है जैसी शेयर बाजार में रिटेल ट्रेडरों की आये दिन होती रहती है. सारे चैनल सारे फिनइन्फ्लूएन्सर जब चिल्ला रहे होते हैं कि बाजार धड़ाम होने जा रहा है तो रिटेल ट्रेडर डर के मारे अपने शेयर बेच देता है, आप्शन के बाजार में पुट खरीद लेता है. पर जब बाजार खुलता है तो वह चकरा जाता है. क्योंकि बाजार एक नई ऊँचाई छू रहा होता है. या फिर जब चैनलों से सलाह दी जाती है कि आज बाजार उछाल मारेगा तो उस दिन रिटेलर आसमान छूते दामों पर भी शेयर खरीद लेता है या कॉल आप्शन लेकर बैठ जाता है. अब इस दिन बाजार धड़ाम हो जाता है.
पाकिस्तान की हालत इन्हीं रिटेल ट्रेडरों जैसी हो गयी है. चारों तरफ से शोर सुनने को मिल रहा था कि भारत पानी के लिये तरसा मारेगा पाकिस्तानियों को. इस डर में पाकिस्तानी अपने न्यूकपीर की धमकी देने लगा कि अगर पानी रोका तो खून की नदियां बहा देंगे, हिन्दुस्तान को नेस्तनाबूद कर देगा. पर हाय खुदा यह क्या किया इस मोदी ने ! पाकिस्तानी सूखे से डर रहे थे और झेलम की बाढ़ झेलना पड़ रहा है. और जब तक इस बाढ़ से निपटेगें तब तक शायद हिन्दुस्तान अपने डैम बन्द कर चुका रहेगा पाकिस्तानियों को पानी के लिये तरसाने के लिये.
अब इस बात से पाकिस्तान को बुद्धि आये या नहीं शेयर बाजार के रिटेल ट्रेडर वणिकों को जरूर सीख लेना चाहिये कि शेयर बाजार रोज युद्ध ही कर रहा होता है. चैनल क्या बताते हैं, फिनइन्फ्लुएन्सर क्या बताते हैं उसका कोई मतलब नहीं होता. मतलब तो आपरेटर ही जानते हैं कि वे आज बिकवाली करेगें या लिवाली. वे जो भी करें करेंगे वणिकों के सोच के ठीक उल्टा ही.
वणिकों को अपने को हर हालात के लिये तैयार रखना चाहिये. पहले से कुछ भी तय कर के मत रखिये. बाजार में भाव ही सब कुछ है. इस अन्तर्यामी को समझने की आपकी हर चेष्टा बेकार जायेगी अगर आपने अपने आप को नहीं समझा है. कोई भी संकेतक (इंडिकेटर), कोई भी रणनीति शाश्वत नहीं होती. किसी भी पल किसी भी तरफ चल देता है बाजार. आपको हमेशा चौकन्ना रहना पड़ता है. शेयर बाजार की हार जीत आप पर, आपकी सोच पर, आपके काम करने के तरीके पर निर्भर करती है. चौकन्ना रहिये पर जल्दबाजी मत करिये. पहले बाजार की दिशा समझिये और उसी तरफ चलिये जिधर बाजार जा रहा हो. और बाजार बैंक नहीं है जो आपको कुछ न कुछ ब्याज दे ही देता है. बाजार आपकी पूंजी को भी झेलम के प्रवाह में बहा सकता है. सो पाकिस्तानियों की तरह नहीं रह कर अपनी औकात में रहिये, अपने बेंवत भर ही भौकाल बांधिये. क्योकि होगा वही जो मोदी चाहेगा ! मोदी है तो मुमकिन है !
बाजार को तो पता ही नहीं रहता कि कोई वणिक भी अपने लैपटॉप पर, अपने मोबाइल पर वणिकई कर रहा है. आपके खरीदने बेचने से उसकी परिस्थिति में कोई बदलाव नहीं होता. हाथी चले बाजार, कुत्ते भूंके हजार ! आपने अगर मुनाफे की लालच में बड़ा नुकसान उठा ही लिया है तो एक बार नुकसान उठाने की कोशिश कर के भी देख लीजिये. जिस दिन आप नुकसान उठाने की कला सीख लेंगे. उसमें पारंगत हो जायेंगे उसी दिन से आप मुनाफे की दिशा में चल पड़ेंगे. हमेशा याद रखिये कि मुकाबला हिन्दुस्तान से है. उससे दोस्त बन कर रहना सीख लीजिये. मुनाफे में रहियेगा.
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